इच्छुक किसान इस तारीख से पहले करें आवेदन, मिलेगा 1 लाख रुपए का इनाम

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार अलग अलग तरह से किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। केंद्र व राज्य सरकार अलग अलग योजनाओं के तहत किसानों को भिन्न-भिन्न प्रकार की सहूलियत व सब्सिडी देकर जैविक खेती को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। अलग अलग राज्यों में अलग अलग तरह का प्रोत्साहन किसानों को दिया जा रहा है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार ने बड़े स्तर पर किसानों को जैविक खेती से जोड़ने के लिए तीन किसानों को सर्वश्रेष्ठ अवार्ड देने का ऐलान भी किया गया है।

किस तरीके के किसान होंगे इस योजना के लिए पात्र

राजस्थान कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ गुण राम मटोरिया बताते हैं, कि किसान, जो पांच वर्षों से कृषि उद्यानिकी फसलों में जैविक तरीके से उत्पादन कर रहे हो तथा पिछले दो वर्षों से उनके जैविक उत्पादों का प्रमाणीकरण हो रहा हो। वैसे किसान इस योजना के लिए पात्र होंगे या उनको इस योजना के पात्रता में वरीयता दी जाएगी। इतना ही नहीं है, इसके पात्रता के लिए मटोरिया बताते हैं, कि जिन किसानों के खेत में जैविक खेती के लिए वर्मी कम्पोस्ट इकाई हो या स्वयं के द्वारा तैयार किए गए जैव कीटनाशक, जैव उर्वरक का उपयोग कर फसल उगाते हों। इसके अलावा जो भी किसान जैविक खेती संबंधी कोई नया प्रयोग करता हो या फिर राजकीय संस्थान से प्रमाणित हो वह किसान भी इस अवार्ड के लिए पात्र माने जाएंगे।


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कितने किसानों का होगा चयन

गौरतलब है, कि इस अवॉर्ड के लिए इच्छुक किसान 10 दिसंबर तक आवेदन कर पाएंगे। उनके आवेदन के बाद जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक टीम गठित की जाएगी जो जिले स्तर पर मिलने वाले आवेदन को देख कर एक किसान का चयन करेंगे। अलग अलग जिलों से इस अवॉर्ड के लिए तीन किसानों का चयन किया जाएगा। चयनित किसानों को एक-एक लाख का नकद इनाम भी दिया जाएगा।

जैविक खेती से है कई फायदे

राज्य व केंद्र सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए नए-नए तकनीक ले कर आ रही है, जिससे किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं। यह जानकर आश्चर्य होगा कि किसानों के द्वारा लगातार रासायनिक खाद का प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम हो जाती है। जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रासायनिक खाद के प्रयोग से उगाई गयी सब्जी व फल खाने के बाद लोगों को कई बीमारी से भी गुजरना पड़ रहा है। इसलिए केंद्र व राज्य सरकार किसान व आम लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए जैविक खेती पर काफी जोर दे रही है और इस प्रकार के कई प्रोत्साहन भी किसानों को दे रही है। जिससे किसान का जैविक खेती की तरफ रुझान बढ़ सके।